piles treatment in hindi-बवासीर एक ऐसा रोग है जो बहुत तकलीफ देते हैं बवासीर को हेमोर्र्निंहोड्स(Hemorrhoids) या पाइल्स( piles)के नाम से भी जाना जाता है इसमें गुदा के अंदर और बाहर तथा मलाशय के कुछ जगहों में फुलाव अर्थात सूजन सा होने लगता है इसीलिए गुदा के अंदर और बाहर एक जगह पर मस्से बन जाते हैं मासा कभी अंदर रहते हैं तो कभी बाहर निकल जाते हैं लगभग 60% लोगों को उम्र के किसी न किसी स्टेज में पाइल्स की समस्या होती है बवासीर के पेशेंट को सही समय पर इसका इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है अगर समय पर बवासीर का इलाज नहीं किया गया तो समस्या और भी बढ़ सकती है यह एक अनुवांशिक अर्थात माता-पिता एवं अन्य पूर्वजों के गुण का संतानों में अवतरित होने वाली समस्या भी है ज्यादा पुराना होने पर यह नासूर का रूप अपना लेता है जिसे अंग्रेजी भाषा में (fistula) भी कहा जाता है
piles treatment in hindi
बवासीर( piles) के प्रकार(Types of Piles)
बवासीर दो प्रकार के होते हैं पहले बादी बवासीर और दूसरा खूनी बवासीर
1.बादी बवासीर
बादी बवासीर होने पर पेट की प्रॉब्लम ज्यादा रहती है कब्ज और गैस की दिक्कतें बनी रहती हैं बादी बवासीर में ब्लडिंग नहीं होती और मस्सों को बाहर नॉर्मली देखा जा सकता है और सूजन तथा जलन बनी रहती है शुरुआती समय में यह तकलीफ नहीं देता परंतु अनुचित खान-पान और कब्ज रहने से फूल जाता है इनमें खून जमा हो जाता है इसमें भी बहुत ज्यादा पीड़ा होता है और पेशेंट दर्द के मारे बहुत बेचैन रहता है मल त्याग करते समय और होने के बाद भी यह दर्द बना रहता है और वह ठीक से चल फिर नहीं पता इसके साथ-साथ उठने बैठने में भी तकलीफ होती है
2. खूनी बवासीर
खूनी बवासीर के अंदर किसी भी प्रकार का दर्द नहीं होता है इसमें मल त्याग करते समय खून आता है इसके अंतर्गत गुदा के अंदर मस्से हो जाते हैं मल त्याग के समय खून मल के साथ थोड़ा-थोड़ा टपकता है या पिचकारी के रूप में निकलता है मल त्याग होने के बाद मस्से अपने आप ही अंदर चले जाते हैं सीरियस सिचुएशन में यह हाथों से दबाने पर भी अंदर नहीं जाता इसका तुरंत ही इलाज करवाएं
बवासीर के लक्षण(symptoms of piles)
बवासीर अगर गंभीर स्थिति में ना पहुंचा हो तो यह 5 से 7 दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन समस्या बढ़ने से और भी लक्षण देखे जा सकते हैं गोद के आसपास एक गांठ सा महसूस होने लगता है और इसमें रोगी को पीड़ा रहती है तथा रक्त आने के चांसेस भी बने रहते हैं मल त्याग होने के बाद भी ऐसा महसूस होता है कि पेट साफ नहीं हुआ और मल त्याग करते समय जलन होना और खून आना साथ ही बहुत पीड़ा होना गुदा के आसपास खुजली होना बार-बार लेटरिंग आने की संदेह होना परंतु लैट्रिन करते समय मल ना निकलना हो सकते हैं बवासीर के लक्षणइन सभी सूचनाओं को पढ़कर आपको जानकारी तो मिल गई परंतु इसका इलाज तुरंत काराए
2. अगर व्यक्ति को लंबे समय से दस्त हो रही है तो हो सकता है बवासीर का कारण
3. बवासीर का एक कारण यह भी हो सकता है कि व्यक्ति अगर ज्यादा ही मिर्च मसालेदार खाने का सेवन करता है तो बवासीर की समस्या हो सकती है
4. शराब और सिगरेट का लंबे समय तक सेवन करने की वजह से हो सकता है बवासीर का कारण
5.भारी वजन उठाने से भी हो सकता है बवासीर की समस्या जैसे जिम में बिना ट्रेनर के सहायता से हैवी वेट करने की वजह से हो सकता है बवासीर
6. लंबे समय तक खड़े होने से भी हो सकता है बवासीर की शिकायत जिसके अंतर्गत देखा जाता है कि यह उन लोगों में ज्यादा देखने को मिलता है जो रोजगार की वजह से लंबे समय तक खड़े रहते हैं
बवासीर होने के कारण(reasons of piles)
1. बवासीर होने का सबसे अहम कारण ज्यादा और लंबे समय तक कब्ज होने की वजह से हो सकता है2. अगर व्यक्ति को लंबे समय से दस्त हो रही है तो हो सकता है बवासीर का कारण
3. बवासीर का एक कारण यह भी हो सकता है कि व्यक्ति अगर ज्यादा ही मिर्च मसालेदार खाने का सेवन करता है तो बवासीर की समस्या हो सकती है
4. शराब और सिगरेट का लंबे समय तक सेवन करने की वजह से हो सकता है बवासीर का कारण
5.भारी वजन उठाने से भी हो सकता है बवासीर की समस्या जैसे जिम में बिना ट्रेनर के सहायता से हैवी वेट करने की वजह से हो सकता है बवासीर
6. लंबे समय तक खड़े होने से भी हो सकता है बवासीर की शिकायत जिसके अंतर्गत देखा जाता है कि यह उन लोगों में ज्यादा देखने को मिलता है जो रोजगार की वजह से लंबे समय तक खड़े रहते हैं
बवासीर ठीक करने के लिए घरेलू उपाय(Home remedies to cure piles)
1.पपीता का सेवन
रात्रि में भोजन करने के कुछ समय बाद आप पपीता खा सकते हैं इससे कब्ज की समस्या नहीं होती और इसमें मल त्याग के समय दर्द नहीं होता हैछाछ और अजवाइन का सेवन
बवासीर के रोग में छाछ बहुत फायदेमंद है एक गिलास छाछ में एक चौथाई बुका हुआ अजवाइन और स्वाद अनुसार काला नमक मिलाकर रोज दोपहर के खाने में सेवन करें यह बवासीर से बेहद आराम देगाजीरा का लेप
बादी बवासीर में जलन और पीड़ा होने पर जीरे को पानी के साथ पीसकर लेप बना ले और इस लेप को मस्से वाले जगह पर लगाएंअंजीर का सेवन करें
रात में तीन अंजीर को पानी में भिगोने के लिए डाल दे और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें और इसके पानी को भी पिए यह बवासीर मे लाभदायक होता हैनारियल
बवासीर के इलाज के लिए नारियल के जटाओं को जलाकर उसका राख बनाकर छाछ के साथ रोजाना सुबह खाली पेट नियमित रूप से सेवन करेंबादाम का तेल
बादाम के तेल में रुई को डूबा के मस्से वाले स्थान पर लगाएं ये करने से सूजन और जलन कम होगाजैतून का तेल
सूजन को ठीक करने के लिए जैतून के तेल को उपयोगी माना जाता है जैतून के तेल में सूजन ठीक करने वाले गुण होते हैं यह रक्तवाहिकाओ में आई सूजन को काम करता है जैतून के तेल को बादी बवासीर के मस्सों पर लगाएंएलोवेरा जेल
एलोवेरा जेल आंतरिक और बाहरी दोनों प्रकार के बवासीर के इलाज में लाभदायक होता है गुदा के बाहरी मस्सों में एलोवेरा जेल लगाएं यह जलन और खुजली को रोकता है और 250 ग्राम एलोवेरा के गुदे का सेवन करें इससे कब्ज मलत्याग में आसानी होगी